बाड़मेर के युवाओं में आत्महत्या का कुप्रभाव
आखिर क्यों ?
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सुबह चाय के साथ ई - पेपर पढ़ना बड़ा सुकून देता है , सुबह का सारा आलास्य उस पेपर को पढ़कर दूर करते हैं ।
पेपर में बाड़मेर जिले का पृष्ठ खोलते ही कुछ बेचैन करने वाली खबरें भी होती है
सुबह चाय के साथ ई - पेपर पढ़ना बड़ा सुकून देता है , सुबह का सारा आलास्य उस पेपर को पढ़कर दूर करते हैं ।
पेपर में बाड़मेर जिले का पृष्ठ खोलते ही कुछ बेचैन करने वाली खबरें भी होती है
उसमे से एक खबर होती है आत्महत्या से जुड़ी हुई ।
शिक्षा के साथ - साथ , विकास के नए आयाम छूने वाले बाड़मेर जिले में कुछ काले धब्बे भी बढ़ रहे है । वो काले धब्बे बढ़ने का कारण आत्महत्या है ।
क्षेत्र में जिस गति से विकास व शिक्षा का प्रभाव बढ़ रहा है उसकी दुगुनी गति से यहाँ पर आत्महत्या का कुप्रभाव बढ़ रहा है ।
अगर आंकड़े उठा कर देखे तो आत्महत्या करने वाले 90%युवा वर्ग है जिनमे युवक और युवतियां दोनों शामिल हैं और इनकी आयु ग्रुप लगभग 20 वर्ष के आसपास होता है ।
एक पढ़ा लिखा युवा वर्ग इस तरह से कदम उठाता है तो सोचने पर मजबूर कर देता ।
शिक्षा के साथ - साथ , विकास के नए आयाम छूने वाले बाड़मेर जिले में कुछ काले धब्बे भी बढ़ रहे है । वो काले धब्बे बढ़ने का कारण आत्महत्या है ।
क्षेत्र में जिस गति से विकास व शिक्षा का प्रभाव बढ़ रहा है उसकी दुगुनी गति से यहाँ पर आत्महत्या का कुप्रभाव बढ़ रहा है ।
अगर आंकड़े उठा कर देखे तो आत्महत्या करने वाले 90%युवा वर्ग है जिनमे युवक और युवतियां दोनों शामिल हैं और इनकी आयु ग्रुप लगभग 20 वर्ष के आसपास होता है ।
एक पढ़ा लिखा युवा वर्ग इस तरह से कदम उठाता है तो सोचने पर मजबूर कर देता ।
🤔आइये विचार -🤔
18 से 20 वर्ष आयु वर्ग एक ऐसा समय है जिसमे युवा को लगता है कि जो वो कर रहा है वो सही कर रहा है और उस समय कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि वह खुद को सही मानता है और माता पिता को भी गलत मानने लग जाता है ।
ऐसे समय में परिजनों का दायित्वय् बनता है कि वह अपने संतान को डाटे नही और उनको धीरे धीरे समझाए ।
एक सर्वे के मुताबिक 10 में से 8 मृतक शिक्षा से जुड़े हुए व महाविद्यालय के छात्र होते है उसमें भी 5 मृतक नवविवाहित होते है ।
ऐसे समय में परिजनों का दायित्वय् बनता है कि वह अपने संतान को डाटे नही और उनको धीरे धीरे समझाए ।
एक सर्वे के मुताबिक 10 में से 8 मृतक शिक्षा से जुड़े हुए व महाविद्यालय के छात्र होते है उसमें भी 5 मृतक नवविवाहित होते है ।
👉 पिछले दिनों bstc का एक छात्र गणेश नैण सीकर अपने रूम में फांसी लगा देता है , उसकी शादी अभी 7-8 महीने पहले ही हुई है । उसके माता - पिता ने ठंडी रातों में उसकी उन्नति के सपने देखे थे , उन्होंने देखे थे कि किसी नजदीकी स्कूल में मेरा बच्चा टीचर बनेगा , पैसा लाएगा आदि आदि .....
👉 जब आपको लगता है कि आपके पास अब आत्महत्या के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नही है तब आप अपनी आँखे बंद करके अपने मरने का नाटक करना और अपनी आँखों के सामने एक दृश्य बनाना ....... की आपकी डेड बॉडी के ऊपर सफेद कफ़न बंधा हुआ है और फिर अपनी बंद आँखे उस डेड बॉडी के चारों और आँगन में घूमना फिर जो दृश्य आपके सामने होगा उससे आपकी रूह कांप जाएगी ।
बेहोश माता , फटी हुई पिता की आँखे , दहाड़े मरता भाई , बेसुध पत्नी , अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर बैठे दादा दादी खाट पर पड़े है जिनको हादसे का पता चलते ही कोमा की स्थिति हो जाती है , आँखे पोसते साथी - सखा व पड़ोसी, पूरा घर जोर - जोर रो रहा है और आपकी बॉडी पास में पड़ी है इत्यादि जो दृश्य आपके सामने होगा की आप भी दहाड़े मारकर रोने लग जाओगे ।
जब आप ये दृश्य अपने सपने में देख लोगे न तब कोई भी मरना नही चाहेगा ।
बेहोश माता , फटी हुई पिता की आँखे , दहाड़े मरता भाई , बेसुध पत्नी , अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर बैठे दादा दादी खाट पर पड़े है जिनको हादसे का पता चलते ही कोमा की स्थिति हो जाती है , आँखे पोसते साथी - सखा व पड़ोसी, पूरा घर जोर - जोर रो रहा है और आपकी बॉडी पास में पड़ी है इत्यादि जो दृश्य आपके सामने होगा की आप भी दहाड़े मारकर रोने लग जाओगे ।
जब आप ये दृश्य अपने सपने में देख लोगे न तब कोई भी मरना नही चाहेगा ।
यह एकमात्र ऐसा उदाहरण नही है , ऐसे उदाहरण आपको सैकड़ो मिल जाएंगे ।
यह समस्या एक समाज वर्ग तक सिमित नही है , सवर्ग की ये समस्या है ।
हमें इसका समाधान ढूढ़ना होगा और ये आक्समिक कदम भी नही होते है , इसका पूर्व में वो हमको आभास करवाता भी है , कुछ आत्महत्या से पूर्व वो अपनी फिलिंग अपनी शोसल साईट पर भी व्यक्त करता है लेकिन उसके परिवारजन और दोस्त उसकी फिलिंग नही समझ पाते हैं ।
यह समस्या एक समाज वर्ग तक सिमित नही है , सवर्ग की ये समस्या है ।
हमें इसका समाधान ढूढ़ना होगा और ये आक्समिक कदम भी नही होते है , इसका पूर्व में वो हमको आभास करवाता भी है , कुछ आत्महत्या से पूर्व वो अपनी फिलिंग अपनी शोसल साईट पर भी व्यक्त करता है लेकिन उसके परिवारजन और दोस्त उसकी फिलिंग नही समझ पाते हैं ।
सब जागरूक युवा इस पर ध्यान दे तो इससे निजात पा सकते है ।
एक सर्वे के मुताबिक 95 % आत्महत्या प्रेम - प्रसंग , व एकेडमिक विफलता के कारण होती है और ये दोनों विषय परिवारजनों के लिए सम्मान पाने का जरिया होती है ।
👉
आत्महत्या करने वाला याद रखें - आप इस शरीर से आजाद हो सकते हो लेकिन आगे मोक्ष पाने के लिए आपको अपना पूरा जीवन भटकना पड़ेगा , पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आत्महत्या सबसे बड़ा पाप व अपराध है ।
एक सर्वे के मुताबिक 95 % आत्महत्या प्रेम - प्रसंग , व एकेडमिक विफलता के कारण होती है और ये दोनों विषय परिवारजनों के लिए सम्मान पाने का जरिया होती है ।
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आत्महत्या करने वाला याद रखें - आप इस शरीर से आजाद हो सकते हो लेकिन आगे मोक्ष पाने के लिए आपको अपना पूरा जीवन भटकना पड़ेगा , पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आत्महत्या सबसे बड़ा पाप व अपराध है ।

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