रौचक खबर: मेहमान बनकर आई, मोटवी बनी बोर की धणियाणी
रौचक खबर: मेहमान बनकर आई, मोटवी बनी बोर की धणियाणी गांव में आया माता का मंदिर। अवतरण एवं बोर आगमन की कथा धोरीमन्ना(बाड़मेर)। धोरीमन्ना उपखण्ड मुख्यालय से करीब 20 किमी दूरी पर सांचौर की तरफ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पंद्रह पर बोर चारणान बस स्टेंड से उत्तर की तरफ दो किमी दूरी पर सैकड़ों बीघा में फैले ओरण के मध्य आया हुआ है, मोटवी माता का मंदिर बोर चारणान । इस संबंध में जानकार आकली निवासी सोमदान चारण बताते है कि सिणधरी निवासी मोड़दान सिड़िया के कोई संतान नहीं थी। वें गुजरात के पावागढ काली मां के परम भक्त थे। मां काली ने जब उनकी भक्ति के बदले वर मांगने की बात कही तो उनके मुख से निकल गया कि मां आपके जैसी मेरे संतान चाहिए। इस पर मां काली ने कहा कि मेरे जैसी तो मैं ही हुं तथा मैं आउंगी तो आपके लड़की होगी पुत्र तो होगा नहीं। मोड़दान ने कहा लड़की ही सही लेकिन होनी आपके जैसी चाहिए इस पर मां काली मोड़दान के घर पुत्री के रूप में अवतरित हुई तथा अपनी चचेरी बहिन जिसका ससुराल बोर चारणान में था, मोटवी माता उनके शादी के अवसर पर बोर आई अपनी चचेरी बहन को बधाकर गृह प्रवेश से पूर्व दोनों बहने घ
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