'जाट रेजीमेंट' के आगे आज भी थर्राता है दुश्मन, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का किया था कुछ ऐसा हाल

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'जाट रेजीमेंट' के आगे आज भी थर्राता है दुश्मन, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का किया था कुछ ऐसा हाल
सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट में से एक 'जाट रेजीमेंट' की छठी बटालियन की तरफ से सोमवार को पाइन वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। वेटरेंस और वीर नारियों का सम्मान भी किया गया। गौरतलब है कि यहा सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट है। प्रथम विश्वयुद्ध में इसे रॉयल के टाइटल से सम्मानित किया गया।

आइए जानते हैं आखिर क्यों भारतीय सेना अपनी इस खास रेजीमेंट पर करती है नाज़: -
सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट में से एक 'जाट रेजीमेंट' की छठी बटालियन की तरफ से सोमवार को पाइन वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। वेटरेंस और वीर नारियों का सम्मान भी किया गया। गौरतलब है कि यहा सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट है। प्रथम विश्वयुद्ध में इसे रॉयल के टाइटल से सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं आखिर क्यों भारतीय सेना अपनी इस खास रेजीमेंट पर करती है नाज़: -
‘जाट रेजीमेंट’ भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजीमेंट है। यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजीमेंट है। रेजीमेंट ने वर्ष 1839-1947 के बीच 19 और स्वंत्रता के पश्चात आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना पदक सहित अनेक शौर्य सम्मान प्राप्त किये हैं। अपने 200 साल से भी ज्यादा की समयसीमा में रेजीमेंट ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध सहित भारत और विदेशों में अनेक युद्धों में भाग लिया है। 

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